"इतना नर्म भी न बनो कि निचौड़ लिए जाओ, इतना सख्त भी न बनो कि तोड़ दिये जाओ ।" ------‐---- बसन्ती पंवार जो धपुर (राजस्थान )
" किसी पत्थर दिल इंसान से मुहब्बत न करो क्योंकि उसके मोम होने तक तुम खुद पत्थर बन जाओगे ।" ------ बसन्ती पंवार जोधपुर ( राजस्थान )
जो अपने समय को व्यर्थ के कार्यों में व्यतीत करते हैं, वे ही समय की कमी की सबसे ज्यादा शिकायत करते हैं । ------ बसन्ती पंवार जोधपुर ( राजस्थान )
काश कुछ ऐसा हो जाये हम नन्हें-मुन्ने बन जाएं अहा ! फिर से लौट आएं बचपन के प्यारे दिन एक बार फिर ...........। ----- बसन्ती पवांर जोधपुर ( राजस्थान )
अभिमान को आने न देना ...... स्वाभिमान को जाने न देना ....... अभिमान उठने नहीं देगा....... स्वाभिमान गिरने नहीं देगा....... -----बसन्ती पंवार जोधपुर ( राजस्थान )
क्यों इंतज़ार है तुम्हें किसी कृष्ण का.... क्यों ढूंढ़ती हो तुम राम को...... यहां तो कोई रावण भी नहीं मिलेगा तुम्हें खुद ही उठाना होगा सुदर्शन चक्र ....... ---- बसन्ती पंवार जोधपुर ( राजस्थान )
काश अन्तरमन की भावनाएं ..... संवेदनाएं ....... वाट्सएप की इमोजी व्यक्त कर पाती ....... ---- बसन्ती पंवार जोधपुर ( राजस्थान )
अहम की फैक्ट्री से निकले विषैले कचरे स्वार्थ ..... क्रोध ..... ईर्ष्या .......द्वेष.....आदि स्वस्थ संबंधों को प्रदूषित कर रहे हैं क्या विज्ञान इस कचरे के निस्तारण का कोई रास्ता निकाल पाएगा ...... -- बसन्ती पंवार , जोधपुर