किसी को चाहना क्या ये बूरा है, किसी का हमें ना चाहना क्या ये बूरा है, हमारी भावनाएं पवित्र हैं क्या ये बूरा है, हमारी भावनाओं को कलंकित करना क्या ये बूरा है।
यह जीवन एक असीम सागर है और रिश्ते नाते उसमें बिखरे मोती तो इस महासागर में डूबकी लगाइए और सारे बिखरे मोती समेट लिजिए।
"हमारे पूर्वज एक प्रकाश स्तंभ की तरह हैं जो अपने अनुभवों और त्याग से अपने प्यार और प्रेरणा से हमारा जीवन रौशन करते हैं"