जब दवाइयों से भी काम नहीं बना
माँ के काले टिके ने जैसे रोग हरा
उसका संघर्ष देखा है
उसका दुख देखा है
हर काम मिनटों में हो जाता
पर कभी माँ को थका ना देखा है
हर दर्द का रास्ता मोड़ देती है
हर मुसीबत को डपट देती है
ये मेरी माँ है जनाब
रब के फैसले बदल देती है