आयने भी अब कैसे बन रहे हे,
लोग देखकर उजले हि नज़र आते हे।
कभी दुस्मन की नज़र से गुज़रकर देखो,
बेसक चेहेरे पर कितने गढै नज़र आते हे।
एक ज़मीन एक आसमान लिखा हे,
खुदा तुने मेरे हक मे बोहोत कुछ लिखा हे।
-Vadaliya vasu
आंखो से तुम लहु बनकर छलकते तो अच्छा था।
लोग समजते ज़ख्मि हे,
कमज़ोर नहि।