@dr-natasha-kushwaha

Dr. Natasha Kushwaha
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My dream Poet, teacher, leb tecnician, typeiest, computer operator, huminity

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एक अव्यक्त शक्ति, माँ एक व्यक्त अभिव्यक्ति, माँ ममता का स्वरूप, माँ सहनशीलता का प्रकट रूप, उदारता,, अपनत्व, करूणा,दया, स्नेह,समता समस्त मानवीय संवेदना, मानवीय मूल्यों का आधार,माँ का अक्षुण्ण प्यार, अकथनीय दुलार,साठ साल के बेटे को भी छै:साल का समझने का आंतरिक भाव- बोध, अपार है, संतान के लिए सदैव समर्पण ऐसा है माँ का मन

तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर तू सुंदरता की मूरत है,,,,,, रचनाकार का मन यदि सुन्दर, तो रचना सुंदर होती है|

एक अव्यक्त शक्ति, माँ एक व्यक्त अभिव्यक्ति, माँ ममता का स्वरूप, माँ सहनशीलता का प्रकट रूप, उदारता,, अपनत्व, करूणा,दया, स्नेह,समता समस्त मानवीय संवेदना, मानवीय मूल्यों का आधार,माँ का अक्षुण्ण प्यार, अकथनीय दुलार,साठ साल के बेटे को भी छै:साल का समझने का आंतरिक भाव- बोध, अपार है, संतान के लिए सदैव समर्पण ऐसा है माँ का मन

तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर तू सुंदरता की मूरत है,,,,,, रचनाकार का मन यदि सुन्दर, तो रचना सुंदर होती है|

यूं सोचते हैं आप की, हम बेशुमार लड़ते हैं।। समझ जाइए की हम, आपको खोने से डरते हैं।।

यूं सोचते हैं आप की, हम बेशुमार लड़ते हैं।। समझ जाइए की हम, आपको खोने से डरते हैं।।

यूं सोचते हैं आप की, हम बेशुमार लड़ते हैं।। समझ जाइए की हम, आपको खोने से डरते हैं।।

चले चलो बढ़े चलो निरंतर प्रयासरत रहो, मंजिल मिल जायेगी जीत गुनगुनाएगी

मां ही मेरा पथप्रदर्शक, मां ही मेरा पूर्ण संरक्षक


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