Phool Singh
Literary General
AUTHOR OF THE YEAR 2021 - NOMINEE

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न मैं हिंदू न मैं मुस्लिम मैं अदना-सा एक इंसान मित्र प्रेम भाव को ह्रदय रखता, काम से रखना अपना काम।। जात-पात न मेरी पूछो उससे मुझको है क्या काम ज्ञान विज्ञान से सीखता जाता, कुछ अनुभव भी देता मुझको ज्ञान।। कर्मठ हूं मैं कर्म ही करता परिणाम न होता मेरे हाथ जो मिल जाता रख लेता हूं, मैं परिवार का रखता अपने ध्यान।।

जीवन में जो करना है आज ही से उसे प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील हो जाओ

करता मैं मैं करता रहेगा मैं मैं ले बलिदान।। बड़े बड़े यहां से चले तू अपनी खैरियत मान।।

जीवन क्या है जीने का अहसास

कुछ लोग हमें वो सीखा जाते है जिसके बारें में न हमने कभी सुना न नही कभी देखा।

ये जिंदगी है खुलकर जियो घुट-घुट मरने से क्या होगा

Nothing is permanent

One day life will be change

जब तक मैं जिंदा हूं उम्मीद कभी मत हारना कभी याद रखो या ना रखो कठिन वक्त और दुआओं में सदा याद रखना- फूल सिंह


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