Sometimes the price of peace is more than the cost of war
चरित्र धूर्त मनुज का, ज्यूँ कुत्ते की पूँछ
टेढ़ी की टेढ़ी रहे, किस से भी लो बूझ
शिव आरम्भ का आरम्भ और अंत का अंत हैं। जो आरम्भ और अंत के मध्य ही सीमित रह जाये, शिव उसकी कल्पना से भी परे हैं।
कविता करना बन सकता है जीवन का आधार
मन में उपजे गरल को दे कर शब्दों का आकार
कविता में भी एक कहानी होनी चाहिये। और कहानी में एक कविता। कहानी होने से कविता में उत्सुकता बनी रहती है और कविता होने से कहानी में सौन्दर्य