ER SIDDHARTH YADAV
Literary Lieutenant
15
Posts
0
Followers
0
Following

I'm ER SIDDHARTH and I love to read StoryMirror contents.

Share with friends
Earned badges
See all

राम नाम में प्रेम है, शांति का आधार, भक्ति के सागर

अमावस की रात में अकेले हम ना थे । ये उनका भ्रम था कि उनके दीवाने हम थे ।। सिद्धार्थ यादव (सिद्धार्थ के अल्फाज़)

हवाओ ने तोड़ा है पेड़ का गुरुर बता इसमें टहनियों का क्या कसूर।। सिद्धार्थ यादव

हवाओ ने तोड़ा है पेड़ का गुरुर बता इसमें टहनियों का क्या कसूर।। सिद्धार्थ यादव

मोहतरमा दिन गुजर गए रात गुजर गई यूं ही सारी उम्र गुजर गई तेरे लबों पे बात थी ना जाने कब वो जिन्दगी की सार बन गई। सिद्धार्थ यादव

मन मिले तो प्याले छलके, ना मिले तो गोलियां बरसे ।। सिद्धार्थ यादव

क्या नशा कम है इस जमाने में। जो बोतल लिए फिरते हो हाथों में । सिद्धार्थ यादव (सिद्धार्थ के अल्फाज़) और कविता संग्रह

ये क्या हो रहा है प्यार के बाजार में नफ़रतो का बोल बाला हैं इसी लिए शहर शहरों का मारा हुआ हूं ।। सिद्धार्थ

ये क्या हो रहा है प्यार के बाजार में नफ़रतो का बोल बाला हैं इसी लिए शहर शहरों का मारा हुआ हूं ।। सिद्धार्थ


Feed

Library

Write

Notification
Profile