आज भी उसकी छुई हुई चीजों को छूता हूं, ऐसे!
इनमें आज भी तेरा स्पर्श बकाया हो, जैसे!!
मेरी कलम से✍️✍️✍️
जिसके पास है, उसने कभी देखा नहीं!
जिसने देखना चाहा, उसे कभी मिला नहीं!!
अंकुश सिंह!!
अकसर तोड़ लिए जाते हैं वो फूल,
जिनकी खूबसूरती लोगों की नजरों में आ जाती है!!
अंकुश सिंह!!