हिंदी एवं मालवी में काव्य रचना, थियेटर, भोली बैन के नाम से ब्लाग और FB पेज संचालित करना, कवि सम्मेलन में शिरकत, मालवी बोली के संरक्षण व प्रचार-प्रसार हेतु प्रयासरत।
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