टूटा हुआ हु मै अंदर से बस तेरे इंतज़ार में इस महफिल में कोशिश करता हूं कि न करू तेरा जिकर समेट ले मुझे कही न जाउ मे बिखर
पिता से प्यार बहुत हैं लेकिन जता नही सकते और वो भी बता नही सकते दिल की बातें समझ जाते हैं इशारो से लेकिन फिर नराज नही होते हमारे हारे से