मैं एक अबोध बालक आप सबको ससम्मान वंदन करता हूँ । आपके सानिध्य में लेखन सीखने का प्रयास करता हूँ मैं कुछ खास तौर पर अपनी पहचान बनाने के लिए नहीं लिखता अपितु अपने ह्रदय से उठती प्रभु ऊर्जा को ही शब्दों में अंकित कर रहा हूँ ॐ ॐ ॐ