Indu Karamunge
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दर्द अगर शरीर का हो तो मलहम लगाते हैं सब दर्द अगर दिल का हो तो कलम चलाते है हम।।।✏️✏️✏️✏️।।।।

भूख इतनी मत बढ़ाओ की इंसानियत को ही बेचना पड़े पेट इतना मत भरो की अच्छाई भी दब जाए बुराई सीधा बाहर आए सच्चाई से कमाया खाना खाओ पाप से एक निवाला भी मत छुओ By इंदु

भूख के लिए हनुमान ने चंद्र को ही खा लिया था इंसान बी भूख के लिए पाप को बढ़ा रहा है

खाओ खाओ पेट भर के खाओ इतना भी मत खाओ कि पेट भर के बाहर आओ खाते वक्त बोलना नहीं चाहिए पर खाते वक्त सोचना जरूर चाहिए क्योंकि हमें समुंदर अच्छा लगता है पर हम उसका पानी नहीं पीते वैसे ही हमें हमारे लिए जो अच्छा है उसे ध्यान में रखकर ही खाना चाहिए ।।by indu

भूख मिटती है खाने से अगर वह भूख पेट की हो भूख मिटती है गाने से अगर वह बुक सिंगर बनने की हो इसीलिए कुछ भी बनने के लिए अपनी भूख को अपनी अंतर इच्छा को जागृत करो तब आप कामयाबी तक पहुंचने में कामयाब हो जाओगे और आपकी भूख मिट जाएगी।।। By इंदु

जिंदगी का सबसे बड़ा पन्ना सच है पर इसे व्यक्त करने से हमारी जिंदगी झूठ बन जाती है क्योंकि दुनिया सच को नहीं मानती और झूठ को कभी नहीं छोड़ती। सच बोलना यानी अपने ऊपर मुसीबत को आमंत्रित करना जैसा है फिर भी न जाने क्यों सच बोलना चाहता है यह मन।।।।♥️♥️♥️

जैसे पतंग उड़ने के लिए धागा चाहिए जैसे पक्षी उड़ने के लिए पंख चाहिए जैसे तिरंगा लहराने के लिए झंडा चाहिए वैसे ही कामयाब बनने के लिए अपनों का साथ चाहिए

बादल से हमें मिला पानी पानी से मीठी प्यास प्यास थी इतनी खास की हिंदी कविता से बनेगा मेरा इतिहास।।।।।


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