जो कुछ हुआ उसे भूल चले छोटा सा उम्मिद की किरण लिए चलें हम ना रास्ता का पता ना मंजिल??
जिंदगी एक पेड़ सा हैं।
कब अपने ही पत्तियां टूट कर
बिखर जाए पता नहीं।
जिंदगी एक पेड़ की तरह है हरा भरा और फल से लदे होंगे तो सब आपके पास आयेंगे और आते रहेंगे ।ठीक उल्टा अगर बिना फल और सूखे खड़े रहोगे कोई आपको नही पूछेगा।
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Ganesh Gharti Magar