जो परागो कि करे रखवाली भ्रमर, मैं वो दीवाना हु। जिसे भुला न पाये दिल ग़जब, मैं वो अफसाना हु। खोया रहता हूं मैं अपनी ही धुन अपने ही गीतों में,, जो रहता मस्त और औरों से अलग, मैं वो मस्ताना हु।।