मात्र ज़रूरत थे हम,लेकिन तुम ज़रूरी हो, वो लम्हे ज़रूरी है…. मोहब्बत थी अधूरी तब, मोहब्बत आज भी अधूरी है….!!!! -ज्योति खारी
महज़ बीते हुए लम्हे हैं वो उनके लिए… मोहब्बत मुकम्मल हो ये ज़रूरी तो नहीं… मोहब्बत पूरी तो नहीं… लेकिन ये एक तरफा मोहब्बत अधूरी तो नहीं…!!!! -ज्योति खारी
दिल के कुछ जज्बात, कलम द्वारा कागजों पर उतार दिए जाएं, जिंदगी बहुत छोटी सी है जनाब, चलो नफरतों को छोड़ो, प्रेम के कुछ लम्हें साथ में गुजार दिए जाएं । -ज्योति खारी