एक ही आसमाँ में रहते हैं दो जहानो की मोहब्बत हैं own hastag #cvmpoetry
मैं ज़हर का जायका क्यूँ ढूँ-ढूँ मैंने तो कुछ और ही चूम लिया है l
तुमसे खयानत का गम भी हैं मगर ज़्यादा दर्द इस बात का है कि हमारे तहरीर भी मिटाए जा रहे हैं