ऐसा कहते है कि अगर किसी बात को बार बार कहा जाये तो वो सच हो जाती है तो जैसा आपका मन करना चाहता है भले ही वह मुश्किल या असंभव हो, उसे बार बार कहिये या सोचिए वैसा ज़रूर होगा ।
अविवेकशील होकर अर्थात् बिना सोचे समझे , कभी कोई कार्य नहीं करना चाहिए क्योंकि अविवेक सभी आपदाओं का प्रमुख कारन होता है।
केवल वेदों पुराणों का ज्ञान होना ही आध्यात्म नहीं है ,बल्कि व्यक्ति में सच्चाई ,ईमानदारी और मानवीयता के गुण होना भी आध्यात्म है।