I'm Sarita and I love to read StoryMirror contents.
Share with friends# चाहत हर चाहत पूरी हो ये चाहत हर कोई लिए बैठा हैं, नासमझ ये भी नहीं समझते चाहत नाम ही उसके लिए मुक्कमल हैं, जो पूरी हो नहीं पाती।।।
# चाहत हर चाहत पूरी हो ये चाहत हर कोई लिए बैठा हैं, नासमझ ये भी नहीं समझते चाहत शब्द ही उसके लिए मुक्कमल हैं, जो पूरी हो नहीं पाती।।।