माँ,
जिंदगी के सूरज की पहली किरण हो तुम,
कड़ी धूप के बाद आने वाली ठंडी शाम हो तुम,
भगवान की बनाई सबसे प्यारी मूरत हो तुम,
इतनी ममतामयी और निःस्वार्थ हो,
इसिलए सबसे ज्यादा खूबसूरत हो तुम।
एक आस
उस खास से
यूं नजरे ना चुराओ
गुजरते हो जब भी पास से
कुछ कहना था तुमसे
पर कह ना सकी मैं
जज़्बात है तेरे लिए दिल में
जिसका तुझे एहसास ना करा सकी मैं
काश तुम्हारे बातों में हमारा भी जिक्र होती
झूठा ही सही पर थोड़ी सी फिक्र होती