पांच साल हो गए शादी को
कुछ समझ नहीं आता हैं,
क्या करूं इनका तो बस मुंह ही फूल जाता हैं,
बात -बात पर खींचातानी
बात -बात पर हुए लड़ाई
मैं भी होती हूँ नाराज पर,
कोई मनाने नहीं आता हैं।
तेरी यादें हैं जो मेरा ख्याल रखती हैं,
एक नहीं बल्कि हजार सवाल करती हैं।