Doctorate in hindi literature, creative writer, poet and dancer.
Share with friendsआज की दुनिया में न आदर्श दोस्ती संभव है ना प्यार। बस कुछ लेन देन से हर रिश्ते ज़िंदा हैं। आपके पास ख़ुद के लिए वक़्त नहीं, दोस्तों के लिए कहाँ से लाओगे? इस दोस्ती के दिन क्या हम इन्शान होंने के नाते ही सही दूसरों से प्रेम करने का वादा कर सकते हैं।