वो राज था
राज ही रह गया
कुछ आसमान सा था
शिद्दत से पत्थर उछालना रह गया।
@mruta
वो राज था
राज ही रह गया
कुछ आसमान सा था
पत्थर शिद्दत से
उछालना रह गया।
निशब्द शब्द
मनही स्तब्ध
आपले फितुर
अंतरी काहुर
निःशब्द शब्द
मनही स्तब्ध
आपले फितुर
अंतरी काहुर
अमु्ता
मी शोध निरंतर संधी
तु,
संधीच सोन सख्ख्या.
मी शोध निरंतर संधी
तु,
संधीच सोन सख्ख्या.
अमु्ता मनोहर
अजीब नुस्के है यार,
ईस गजब सी दुनिया के
पिछे से वार
फिर, सामने से सहलाते है
हर बार।
निशब्द शब्द
मनही स्तब्ध
आपले फितूर
अंतरी काहुर