Sangeeta Modi
Literary Lieutenant
19
Posts
14
Followers
0
Following

I'm Sangeeta and I love to read StoryMirror contents.

Share with friends

बीती रात मीठे-मीठे सपने हमने पाले लगा जैसे कमल दल फूले

पत्र जो लिखा वो कभी भेजा नहीं गया कहना था तुमसे बहुत कुछ,पर कहा नहीं गया आज कुरेदा जब अतीत को अपने तो दर्द इतना था कि सहा नहीं गया

तेरा मेरा अनकहा रिश्ता है ऐसा मछली का पानी के संग है वैसा जैसे बिन पानी मछली का जीवन है अधूरा वैसे ही तुम बिन कहां होता हूं मैं पूरा

चल पड़े हैं दो राही अनजाने सफर पर मिलने के लिए फिर उसी डगर पर

चल पड़े हैं दो राही अनजाने सफर पर मिलने के लिए फिर उसी डगर पर

ना जाने क्या रखा है रिश्तों के खजाने में हजारों ठोकरें खानी पड़ती है , एक रिश्ते को निभाने में

जिंदगी की कशमकश में इस कदर उलझकर रह गए अपनों को बेगाना और बेगानों को अपना कह गए

सावन के इस महीने में बहा दो पानी में छुपे हैं जो दर्द सीने में फिर देखना कितना मजा आएगा जीने में

हासिल नहीं होता आसानी से हर मुकाम मेहनत करके तो देख बंदे फिर किस्मत भी हराने में तुझे हो जाएगी नाकाम


Feed

Library

Write

Notification
Profile