हर महिला की यही कहानी,
कभी ठहरा समंदर तो...
कभी बहता पानी।
एकता गुप्ता
है नया आगाज़ नयी शुरुआत,
हर कदम आत्मविश्वास के साथ...
होंगे सपने साकार फिर इस नयी शुरुआत के साथ।
एकता गुप्ता
ये घना अँधेरा कब तक अपने पाँव पसारेगा ,
कल का सूरज नई सोच के साथ नई शुरुआत अवश्य ले आएगा।
माता बच्चे की जननी और पिता बच्चे का आधार,
माता- पिता दोनों ही हैं अपने बच्चे का संसार।
लॉक डाउन का पालन करो,
घर में रहो, सुरक्षित रहो।
माता बच्चे की जननी और पिता बच्चे का आधार,
माता- पिता दोनों ही हैं अपने बच्चे का संसार।
पेशा
मशीनी युग आ जाने से ,
पैतृक पेशा का चलन खत्म हो जाने से ,
हो रहे बेरोजगार कितने !
संभालो उन्हें मत दो बिकने।
एकता गुप्ता
परिवार
बसुधैव कुटुंबकम् से ले लो सीख,
पलायन कर रहे मजदूरों को दे दो परिवार जैसा सुख।
एकता गुप्ता
कॉलेज
कॉलेज के दिन याद बहुत आते है,
वो सपने सुहाने अब भी तरसाते है।
एकता गुप्ता