ज़िद भी अजीब एहसास है यारो, गलत चीज़ की करो तो, नर्क पहुंचा दे, और अच्छी चीज़ की करो तो , आम आदमी आदमी को भी खुदा बना दे| सोनिया वाधवा
हवन कुंड की अग्नि हो या लोहड़ी की, उसकी पवित्रता और पावन हो जाएगी, जब उसमें मनुष्य के अहम और अहंकार की आहूति भी दी जाएगी|
हवन कुंड की अग्नि हो या लोहड़ी की, उसकी पवित्रता और पावन हो जाएगी, जब उसमें मनुष्य के अहम और अहंकार की आहूति भी दी जाएगी|
यूं तो इंसान खुद को मिट्टी का पुतला बताता है, फिर थोड़ी भी माटी लगने पर क्यों चिढ़ जाता है | मीठी बोली, दूसरो से किया अच्छा व्यवहार ही उसकी पहचान बनाता है, क्योंकि तन तो कितना भी सुंदर हो मिट्टी में ही मिल जाता है। सोनिया वाधवा
हर दिन एक नयी ऊर्जा, सन्देश और अवसर लाता है, पर हर कोई इंसान यह कहा समझ पता है, हमारा सारा समय तो गिल्ले शिकवे व निंदा चुगली में चला जाता है, ईश्वर की दी इन खुबसूरत नियामतों को हर बंदा कहाँ देख पाता है | सोनिया वाधवा