पुरानी चीज़े होती ही है खास
भले आज ना हो अब हमारे पास,
जैसे पहली मोहब्बत का एहसास.
प्यार तुम करो, हम करें
तो क्यों न, एक दूजे से करें..
तेरी सोहबत से,खुशफ़हमी मिल रही है मुझे,
गर ये मोहब्बत नहीं,तो ग़लतफहमी है तुझे
दिल कहता है की, तू मोहब्बत कर,
अंज़ाम जो भी हो, तू आगाज़ तो कर
साहब आशिक थे हम
आशिकी था हमारा काम,
बस मोहब्बत में होके नाकाम
बने हम भी शायर बदनाम..!!!
मिला हूँ जबसे, तुझसे मैं,
जुदा हो गया हूँ, खुदसे मैं.
उस रात की सुबह, बहोत देर में होती है,
जब ख़्वाबों में उनसे मुलाकात होती है
आए थे वो लेने, हमारी मोहब्बत का हिसाब ,
मिला सब कुछ बेशुमार बेइंतेहा बेहिसाब ❤
इस मासूम दिल की क्या खता है ,
इश्क़ के कायदे कानून इसे कहाँ पता है