प्रेम त्याग और बलिदान का प्रतिरुप है|
जिसका मन हो पवित्र की संहिता
वही है इस जग में सच्ची मित्रता।
डॉ.श्वेता
हिंदी शिक्षक एवं कवयित्री
हिंदी कवयित्री
दीपावली,अंधकार से प्रकाश की ओर हमारा मार्ग प्रशस्त करने का
सच्चा माध्यम है।🎉🎉
माँ त्याग,प्रेम और बलिदान की प्रतिमूर्ति है।
माँ एक ऐसा शब्द है जिसमें संपूर्ण सृष्टि समाहित है।
अपने जीवन की सारी यात्रा समाप्त करने के बाद व्यक्ति अंतिम यात्रा मृत्यु को प्राप्त होता है।
जिंदगी संघर्ष का दूसरा नाम है,जिसे हर रोज एक नये अंदाज में जीना चाहिए।
जिस मनुष्य के अंर्तमन में दया की भावना होती है,उसका व्यतित्व आर्कषण का केंद्र होता है।
ये जिंदगी बिल्कुल मौसम की भाँति है,जो हरेक क्षण अपने नये-नये रंग दिखाती है।