@amit-singhal-aseemit

Amit Singhal "Aseemit"
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मैं कवि, लेखक और विचारक हूं। मैं अपनी रचनाओं के लिए कई प्रतियोगिताओं में पुरस्कार जीत चुका हूं। मेरी कई रचनाएं विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। मेरी रचना साझा संकलन "शब्द दीप" में सम्मिलित है, जिसने "इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स" में अपना स्थान बनाया है।

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नीचा वही दिखाता है, जिसमें अहँकार होता है। ऊँचा वही उठाता है, जिसमें सँस्कार होता है।

कुछ लोगों की फ़ितरत देखकर, अब किसी की सोहबत अच्छी नहीं लगती। लफ़्ज़ों का तल्ख़ अंदाज़ सुनकर, अब किसी की मोहब्बत अच्छी नहीं लगती।

इंसान घमंड करता है, तक़दीर बदल जाती है। आईना वही रहता है, तस्वीर बदल जाती है।

भरोसा ख़ुद पर रखो, तो ताक़त बन जाता है। भरोसा दूसरों पर रखो, तो कमज़ोरी बन जाता है।

अपनी ज़िंदगी में सिर्फ़, उसी इंसान को ही दीजिए अहमियत। जब कोई नहीं समझे, सिर्फ़ वही समझे आपकी अच्छी नियत।

यदि आप धैर्य से सोचने में हो जाते हैं सफल, तो आप हर समस्या का निकाल पाते हैं हल।

ऐसे मुस्कुराओ जैसे सब से ख़ुश हम हैं, इस ज़िदगी में समस्याएं किसको कम हैं। सब के होंठों पर हँसी और आँखें नम हैं, इसी का नाम तो कभी ख़ुशी कभी ग़म है।

आत्मविश्वास तो दरिया जैसा ही काम आएगा, रुकावटें आएंगी तो रास्ता ख़ुद ही बनता जाएगा।

अगर ज़िंदगी एक खेल है, तो यक़ीनन यह हार और जीत का मेल है।


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