Teacher Poet
मन के परों को काट कर, सरहद में सिमट गए। आंसू बहाए और फिर, खुद ही से लिपट गए।
दिल की हर बात कहां लफ़्ज़ों में बयान होती है। खामोशियों की भी एक अपनी ज़ुबां होती है। नेहा तिक्कू