ईमानदार व्यक्ति आज की दुनिया में बड़ी मुश्किल से मिलता है ।
अन्न का एक एक दाना कीमती है, इसे बर्बाद करने से पहले दस बार सोचें।
युवा मन उड़ने को बेकरार है,
और बूढ़ी आँखे को ठहरने के लिए ज़मीं की तलाश है ।
सारी दुनिया घूमने के बाद ही यह अहसास होता है कि अपना घर अपना ही होता है ।
पूजा मन से, पूरी श्रद्धा के साथ और निस्वार्थ भाव से की जाए तभी सफल हो सकती है ।
बॉलीवुड की कोई हक़ीकत नहीं जानता, समाज आज जिस दिशा में बह रहा है वो बॉलीवुड की ही देन है ।
आशा की किरण जीवन को नई दिशा दे सकती है ।
अभिभावक मन सदैव ही अपने बच्चों के प्रति चिंतित और उनके उज्ज्वल भविष्य के प्रति दूरदर्शित रहता है ।
भविष्य की गर्त में क्या छुपा है किसी को नहीं पता, इसीलिए हे मनुष्य तू सिर्फ अच्छे कर्म कर और भविष्य को उपरवाले पर छोड़ दे ।