विचारों का बहता प्रवाह जो निरंतर आगे की और अग्रसर है उस प्रवाह को सही दिशा देकर लिखते रहने का प्रयास रहता है ।साहित्य यानि सब के हित में जो सबके हित में हो ऐसा ही कुछ लिखने को निरंतर प्रयासरत कभी-कभी तो लगता है मेरा जन्म ही इसलिए हुआ है और उस पर इंटरनेट का आना मानों हम जैसे लिखने के शौकीनों के... Read more
Share with friendsभीख मांगने से बेहतर है अपना कर्म करो जो भग्य में होगा वो तो मिल कर रहेगा ,अपने भाग्य विधाता स्वयं बनिए कर्म का बीज बोए हैं तो एक ना एक दिन फसल अवश्य होगी
हार हर बार निराशा की ही किरण नहीं अपितु हार आशा की वो किरण भी हो सकती है जो बेहतरीन को अंजाम देने का संकेत होती है ......