I'm Dr. Shikha and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsसाहित्य है वह सागर जिसमें समा जाती है गंगा जमुना कावेरी कृष्णा नर्मदा जैसी भावों की महानदियां और इनके जल से आचमन कर पूरा जगत हो जाता है आनन्दित है - नूतन
स्वच्छ जल में गंदगी मिलाना, स्वच्छ वायु में जहरीली गैस मिलाना, अपने आने वाले कल के प्रति है अक्षम्य गलती-नूतन
लॉकडाउन ने यद्यपि मानव को तो घर के भीतर कैद किया, प्रकृति ने पर शुद्ध होकर नव श्रृंगार कर नवजीवन का श्वास लिया - नूतन
लॉकडाउन ने यद्यपि मानव को तो घर के भीतर कैद किया, प्रकृति ने पर शुद्ध होकर नव श्रृंगार कर नवजीवन का श्वास लिया - नूतन
नदियों की कलकल कोयल की कुहू नरम लता का लहराना पपीहे की पीहू प्रकृति की हंसी है झलक रही प्रफुल्लित करती देह संग रूह - नूतन