Shayar Rudra Vishal Singh
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ऐसा नहीं था कि मैं उसको माफ नहीं कर सकता था । लेकिन ये गलती मैं बार बार नहीं कर सकता था।

बस यूं समझ लो कि मेरे पास अब कुछ भी खास नहीं। सब कुछ खत्म होने को हैं मेरा अब कुछ भी मेरे पास नहीं।

तुम चाहें लाख बुर्के में अपने आप को छुपा लो जान। हम तो तुम्हें तुम्हारी आंखों से भी पहचान लेते हैं।


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