शब्द शक्तिमान बनने की हसरत है
मालिक ... रहमतों का दरिया , जिंदगी का ज़रिया ।
सुकून बखशिए अपनी शरारतों को ज़रा ... हम अभी फिक्र - ए - मंज़िल में मशगूल है .....