आपने हमें मंच प्रदान किया,
इसके लिए आपका बहुत बहुत आभार।
स्वप्न होता है कवियों का मंच,
आप ने किया है हमारा स्वप्न साकार।
हर हालात में मुस्कुरा सकते हो,
खुद में तुम यह विश्वास रखो।
नफ़रत दिल के लिए अंधेरा है,
तुम दिल में प्रेम का प्रकाश रखो।
शिक्षक ही ज्ञान के दाता है,
विद्यार्थियों के भाग्य विधाता है।
शिक्षक स्वयं भगवान है,
शिक्षक विद्यार्थी के विशेष नाता है।
उससे मिलने के बाद हम अक्सर ख़्वाब लिख रहे हैं।
कोई है जिसके नाम पर हम कई क़िताब लिख रहे हैं।
समय के महत्व को समझो,
मत बने रहो नादान,,
समय से मिलकर बनी है जिंदगी,
इस बात को मत भूलो हे इंसान।।
अकेला हूं,
पर आवारा नहीं,
प्रकाश हूं मैं,
बेसहारा नहीं,
अपने समझ में तुम,
मुझे कुछ भी समझ लो,
मैं तो हूं ही अलग,
जितना चाहे उलझ लो,
जिसे अपना कहा,
उससे किया किनारा नहीं,
अकेला हूं,
पर आवारा नहीं।।