I'm Karuna and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsआने जाने की राह परआशियाने बन रहे हैं हम कहते हैं हम सायाने बन रहे रहे हैं इन्च इन्च धरती अब महंगी हो गई है और ग्रह भी अब निशाने बन रहे है हमे लग रहा है हम सायाने बन रहे हैं ।
जिमेदारीयां बोझ बन चुकी है,हम आज भी अकड़ मै है, लोग फायदा उठा रहे हैं , हमे लगता है हम फर्ज निभा रहे हैं