समझाओ ना समझाने में क्या जाता है। बताओ ना बताने में क्या जाता है। मुश्किलों को ठंडे दिमाग से मिटाने में क्या जाता है। हम ही है जो बात को बोहोत खिंच देते है वरना कागज़ के टुकड़े- टुकड़े करके ग़ुस्सा शान्त करने में हमारा क्या जाता है। कविता यादव
हकीकत बचाके रखिये, सपने तो आते जाते हैं। मंजिले दूर सही ,ये सच्चाई जागती आँखों से ही नजर आते है। मुश्किले लम्बी हो तो क्या। मेहनत से सपने भी सच हो जाते है। कविता यादव ***********
संसार को एक अस्तित्व दिया। तो वो अस्तित्व ही हमसे पूछे । तेरा क्या यही रूप है । नारी होना कोई कमजोरी नही। दर्द सहे तो सरस्वती, ओर क्रोध सहे तो माँ दुर्गा का ये रूप है। कविता यादव
चाँद नही कहता, कि मेरी चाँदनी में रहो..... सूरज नही कहता ,की इस ताप को सहो.... तुमने बनाया वातावरण ही ऐसा.. की तुहारी तकलीफों को तुम खुद.. कम करो..... कविता यादव
जिंदगी प्यार का गीत है,इसे हर दिल को गाना पड़ेगा। जिन्दगी गम का सागर भी है,हँस के उस पार जाना पड़ेगा..... कविता यादव कविता यादव