Ram Chandar Azad
Literary Brigadier
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राम चन्दर "आज़ाद" मेरी दो कहानी - ग्राम्य दर्पण, अधूरी नोट बुक तथा दो कविता - काव्य सुमन, काव्य प्रवाह तथा दो दोहा-संग्रह आज़ाद सत्सई एवम अर्द्ध सतसई तथा काव्य गौरव एवम जन संचार नामक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। लेखक को गुरुश्रेष्ठ, गुरूपरम एवम 2005 में नवोदय विद्यालय समिति के राष्ट्रीय... Read more

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"देश के विकास के लिए समाज का विकास होना नितांत आवश्यक है क्योंकि देश का विकास समाज के रास्ते ही होकर गुजरता है।"

"देश के विकास के लिए समाज का विकास होना नितांत आवश्यक है क्योंकि देश का विकास समाज के रास्ते ही होकर गुजरता है।"

"मूल्यों का अवमूल्यन समाज को पतन की ओर ले जाता है।" राम चन्दर "अज़ाद"

असफलता वह सोपान है जहाँ से सफलता की सीढ़ियाँ प्रारम्भ होती हैं।

"बाल और दाढ़ी बढ़ा लेने से कोई महात्मा नहीं बन जाता बल्कि वह समाज के लिए तिरस्कृत होता रहता है।" राम चन्दर "अज़ाद"

"जीवन मे समस्याओं का होना अति आवश्यक है क्योंकि समस्याओं से ही जीवन को गति मिलती है।" राम चन्दर 'आज़ाद' कवि एवम साहित्यकार

आँखे बयां कर देती हैं, बस पढ़ने वाला चाहिए। हर राज़ उगल देते हैं लोग, उगलवाने वाला चाहिए।। राम चन्दर आज़ाद

एक आदर्श शिक्षक कभी भी अपनी कमजोरियों को अपने पर हावी नहीं होने देता बल्कि खुद कमजोरियों पर हावी रहता है। राम चन्दर आज़ाद

अधर अधर संग, उर उर संग मिले। नयन नयन मिलि,दोउ बतियात हैं।। गले से लगाय चूमते कपोल संग संग। शिकवा शिकायतों की झड़ी लगिजात हैं। पूछत अज़ाद शिशु लाई क्या तू मेरे लिए। मेरी चॉकलेट इते कहीं न दिखात हैं।।


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