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दिल की धड़कन में बसते हो, फिर भी तुमसे नफ़रत क्यों है? जग जीवन हो तुम ही मेरा,तुम ही तो मेरे दुश्मन हो।
परवाह है, ये सच नहीं...! यहाँ कुछ लोग एहसान भी, एहसानों तले दबानें के लिए करतें हैं..!!