सौरभ श्रीवास्तव बनारस के रहने वाले एक मध्यम परिवार से आते हैं जिन्होंने ग़ज़िआबाद के एक कॉलेज से अपनी इंजीनियरिंग अभी हाल ही में पूरी की है | इनको लिखने की रूचि इंजीनियरिंग के आखरी साल में आईं और फिर इन्होने जो कलम थामी तो कभी रखि नही ये समाज, लोगो की मानसिकता,दोस्ती ,प्यार पर लिखना ज्यादा पसंद... Read more
सौरभ श्रीवास्तव बनारस के रहने वाले एक मध्यम परिवार से आते हैं जिन्होंने ग़ज़िआबाद के एक कॉलेज से अपनी इंजीनियरिंग अभी हाल ही में पूरी की है | इनको लिखने की रूचि इंजीनियरिंग के आखरी साल में आईं और फिर इन्होने जो कलम थामी तो कभी रखि नही ये समाज, लोगो की मानसिकता,दोस्ती ,प्यार पर लिखना ज्यादा पसंद करते है| लिखने के अलावा इनकी रूचि बैडमिंटन शतरंज और गाना गाने में है इन्होने जोनल लेवल तक बैडमिंटन अपने कॉलेज के लिए खेला है|
इनके परिवार में इनकी माँ और इनसे बड़ी दो बहनें है इन्होंने बचपन से ही इंसानियत को पसंद किया है और ये धर्म निरपेक्ष इंसान है| इन्हे जातिवाद धरम पर लड़ाई बहस करना पसंद नहीं ऐसी धारणा इनके माता पिता की भी है इसी लिए बचपन से इन्हे उर्दू सिखाई गयी की ताकि ये अन्य धर्मो के विषय में भी जान पाये और पढ़े और समाज में एक मिसाल कायम करे ये अत्यंत ही कोमल ह्रदय के व्यक्ति है और हमेशा हर किसी की मदद के लिए तैयार रहते है सौरभ आज के दौर के बहुत ही सुलझे से व्यक्ति है और ये इनकी कविता और इनकी बातों से झलकता है| Read less