इमरान खान
Literary Lieutenant
9
Posts
0
Followers
0
Following

मैं अदम से भी परे हूँ वर्ना ग़ाफ़िल बार-हा मेरी आह-ए-आतिशीं से बाल-ए-अन्क़ा जल गया

Share with friends

उसकी नीली आँखें देखकर ऐसा लग रहा था ! मानो वो देवलोक की कोई अप्सरा हो! समय जैसे एक पल के लिए उसकी आँखों में ठहर सा गया था! शायद इन नीली आँखों का अस्तित्व प्रकृति के उन तमाम रंगों से होता है जहाँ से विज्ञानिक लोग अपनी खोज को निर्धारित करते है! imran khan

तुम्हारी सुंदरता "आषाढ़ का एक दिन है" ! जिसे पड़कर में सौन्दर्या प्रेमी बना ऐसा प्रेमी की सुंदरता का पुनर्जागरण कर सकूँ! और लिख जाऊँ की तुम बहुत सुन्दर हो !


Feed

Library

Write

Notification
Profile