@nalini-mishra-dwivedi

Nalini Mishra dwivedi
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मुझे लिखने का शौक है।

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कितना खुबसुरत था बचपन आस पास बस खुशिया रहती गम की नही कोई परछाई रहती मन करता फिर से बचपन मे चली जाऊ फिर से मै बच्चा बन जाऊ

तुम हकीकत हो या ख्वाब हो पर जो भी हो इस दिल की जान हो तुम

मानो चाहे ना मानो ईश्वर है इस दूनिया मे बस जरा सा धैर्य और संयम की जरूरत है।

मानो चाहे ना मानो ईश्वर है इस दूनिया मे बस जरा सा धैर्य और संयम की जरूरत है।

कभी रुका नही, कभी थका नही कभी ठोकर लगी तो, रुका नही आज मिल गई मुझे मेरी मंज़िल मेरे सपनो की ये बौनी उड़ान है।

जिंदगी कोई खेल नही, बहुत से चुनौतियो से गुजरना पड़ता है सभी को। कभी आशा दिखाई देती तो कभी निराशा फिर भी जिंदगी रुकती नही।

क्योकि लड़के कभी रोते नही क्यू नही रो सकते लड़के? क्या उन्हे चोट नही लगती? क्या उन्हे दर्द नही होता? क्या उनका दिल नही टूटता?

बिन फेरे हम तेरे तेरे बिन हम अधूरे चलो अब संग मेरे रंग जा तू मेरे प्यार के रंग मे ता उम्र बन जाओ मेरे

कहते है इंसान के जाने के बाद श्राध्द जरुर कराना चाहिऐ । नही तो उसकी आत्मा को शांति नही मिलती।


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