sai mahapatra
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Mechanical engineer

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आज ना जाने कियू मुझे तुम्हारी आंख का काजल जादा काला नज़र आ रहा है जिसको में अपना बड़ा भाई मानता था आज नजाने कियू मुझे उसमें अपना शाला नज़र आ रहा है by Sai Mahapatra

यहां पर कोई केहता है कुछ तो कोई केहता कुछ पर तू किया सुनना चाहता है अपने आपसे पूछ

गुरु उन्हें कहते है जो भ्टके हुए को रास्ता दिखाएं जो बचे को अंधेरों में देखना सिखाएं जो किसी बचे के ऊपर अपना हात रखदे तो वो मिटी से सोना बन जाता है और उनकी आशीष के कारण अपाहिज बी चलना सीख जाता है

ପରିବାର ନିହାତି ଦରକାର ପ୍ରତିଟି ବିପଦ ଆପଦ ରେ ସେ ହୋଇଥାଏ ସତେ ଯେମିତି ଆମର ସବୁ ଦୁଃଖ ଓ ଲୁହ ର ଭାଗିଦାର

ପରିବାର ନିହାତି ଦରକାର ପ୍ରତିଟି ବିପଦ ଆପଦ ରେ ସେ ହୋଇଥାଏ ସତେ ଯେମିତି ଆମର ସବୁ ଦୁଃଖ ଓ ଲୁହ ର ଭାଗିଦାର

आज कुछ अधूरी सी है तुम्हारे बगैर... कई बातें कई रातें अधूरी सी है तुम्हारे बगैर,,,। by Sai Prasad Mahapatra, Mechanical Engineer

आज तो हम बस कहने को आस पास बैठे हैं पर आज हम तुमसे दूर ही बैठे है by Sai Prasad Mahapatra Mechanical Engineer

हम तो ज़िन्दगी में दौड़ ते रहे कुछ पाने की होड़ में. हमको मालूम ही नहीं चला कब हमारे अपने हमको छोड़ के चले गए कौन सी मोड़ पे.. by Sai Prasad Mahapatra

आज इए मौसम बदल चुका है ,तुम भी बदल चुकी हो अब हम ही बस एक बचे हैं जो तुम्हारे बेवफाई को भूल कर आगे बढ़ नहीं पा रहे हैं by Sai Prasad Mahapatra


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