जो लगाते रहे इत्र उम्र भर
उनकी भी राख से खुशबू नही आई |
जो लगाते रहे इत्र उम्र भर
उनकी भी राख से खुशबू नही आई |
वो मौन है
पर बहुत कुछ बोलता है.....
swati vats📝
वो मौन है
पर बहुत कुछ बोलता है.....
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यूं तो बेपऩाह खूबसूरती को संजोए है वो चाँद
नजरिए की बात है लोगो को उसमें भी द़ाग नजर आते है |
यूं तो बेपऩाह खूबसूरती को संजोए है वो चाँद
नजरिए की बात है लोगो को उसमें भी द़ाग नजर आते है |
स्वतंत्र हूं ,विचारणीय भी
प्रकृति हूं ,स्मरणीय भी
swati vats📝
स्वतंत्र हूं ,विचारणीय भी
प्रकृति हूं ,स्मरणीय भी
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किस्मत भी अपनी किस्मत पर रोती है फूट कर
क्योकि हर वक्त कोसते है लोग, मुहब्बत मे टूटकर
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