खामोश प्यार का अफसाना !न जाना न पहचाना !!
ज़िंदा हो कहीं अभी भी मेरे अंदर मेरे बीते हुए बचपन !!
साँसों की आना जाना तो पहले भी था ! पर तेरे भरोसे ने ज़िंदा हमें कर दिया !!
अपना आइना खुद है बनना !न कि औरों को आइना है दिखाना !!
यह इश्क़ है , कि क्या है ! या है तेरा सुरूर ! या है तेरा फितूर !!
एक आस है जो , टूटती नहीं ! तेरी याद है जो , छूटती ही नहीं !आ जाती है लौट कर बार बार जाने के baad, !!
न रहती ग़ैर मुकम्मल दास्तान तेरी / मेरी, गर तू ख्वाब मेँ आ, मुस्कुराया होता !!
सफर पर चल रहे हैं सभी मालूम नहीं कि सफर को मंज़िल कहाँ और कभी ख़त्म होगा !!
जीवन एक इम्तिहान है, और यह इम्तिहान ही तो है, जो हमें जीवन देता है!!