*ना जाने तुम पे इतना यक़ीं क्यों है* *तेरा ख़याल भी इतना हसीन क्यों है* *सुना है प्यार का दर्द मीठा होता है* *तो आँख से निकला यह आँसू नमकीन क्यों है*
बहुत कम हैं जमाने मे लोग ऐसे, चाहत की जिन्हे पहचान होती है, सोच लेना किसी पे मर मिटने से पहले, लुटाने के लिए सिर्फ़ एक जान होती है.
ज़रा सी ज़िन्दगी हैं, अरमान बहुत हैं, हमदर्द कोई नहीं, इंसान बहुत हैं, दिल_के_दर्द सुनाए तो किसको,जो_दिल_के_करीब हैं, वो अनजान बहुत हैं.!!