Saumya Singh
Literary Colonel
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myself saumya singh , pursuing Bsc bio from allahabad university. I wanna become cardiologist. and a pop writer.

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सबको लगता है कि सबकुछ आसान होता है, जबकि इतना आसान नही होता कि खुद को हमेशा के लिए कागज़ पर उतारा जाना, ये भी जानते हुए की इसे जो भी पढ़ेगा, वो कुछ पल ही आपके साथ रहेगा, और फिर चला जाएगा छोडकर आपको,आपके प्यार को, आपके अल्फ़ाज़ को..... एक बंजारे की तरह.....

असन्तोष अगर इस जीवन का भाग नहीं होता, इतना प्यारा अगर औरों का राग नहीं होता, सबको खुद की बोली,कोयल के जैसे प्यारी लगती, खुद के खातिर ही खुद के मन में विराग न होता।।✍🏻✍🏻🥰SHREE

*एक दुख पे हज़ारों आंसु..* *उफ्फ़ ! आंखों की ये फिजूलखर्चीयां..!!*

मैं तो लिख रही हूँ यथार्थ की कविता मगर क्या तुम इतने साक्षर हो? कि पढ़ सको मेरे मौन का संवाद?

खुली आँखों से अपने ख्वाबों को बुनने चली हूँ, मैं अपनी मन्जिलें और रास्ते चुनने चली हूँ, मुसीबत देखकर रुकने से पहले याद आया, चमकने के लिए सूरज सा मैं जलने चली हूँ।। Shree✒️

सिर्फ मुसाफिर ना समझना, मंज़िल के दीवाने हम, भीड़ में गिनती न करना, अलग रास्ते बनाने वाले हम....

जिंदगी इतनी बुरी भी नहीं , जितना लोग बताते हैं, अपने गलत फैसलों से, ज़िन्दगी पर इल्ज़ाम लगाते हैं। साथ हो अपनों का,तो ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत होती है।।

सवाल पूछने वालों ने साध ली चुप्पी सवाल ख़ुद ही सवालों से घिरा है अब तो

हर नये रंग में ढालने का हुनर जानते है लोग मौसम में बदलने का हुनर जानते है आप ने सिर्फ गिराने की अदा सीखी है और हम गिरके सँभलने का हुनर जानते है। सौम्या सिंह......


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