नाराजगी बस अब कुछ बाते प्यार की भी करलो बहोत इंतज़ार करवाया तुमने अब… इस कंबखत दिलकी शिकायते भी सुनलो
हर वक़्त …वक़्त की पाबंदी क्यू और मेरे फैसले में उनका हिस्सा क्यू चाहती हु जीना मनमौजी होके… फिर भी हर दफा ये लड़की होने की मोहर क्यू
हर वक़्त …वक़्त की पाबंदी क्यू और मेरे फैसले में उनका हिस्सा क्यू चाहती हु जीना मनमौजी होके… फिर भी हर दफा ये लड़की होने की मोहर क्यू