Nitu Arya
Literary Captain
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अपनी आन्तरिक विचारों को लोगों तक पहुँचाने का सबसे सुन्दर और प्रभावशाली माध्यम-लेखिनी है।

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तुमसे कभी प्यार था ही नहीं, फ़िक्र थी, ख्याल था। जिसकी पनाहगाह,दिल नहीं आत्मा होती है।

success is not, what you achieve ‌‌ it's your effort and hard work, which you put to get it.

इत्तेफाक़ से तन्हाई ने,एक दफा़ तन्हाई से कहा , तू मेरा साथ क्यूं नहीं छोड़ती बड़ी खामोशी़ से जवाब मिला मेरा सिवा है ही कौन जिसने तेरे साथ वफ़ा इतनी सिद्दत़ से निभायी हो।

हमें जिससे उम्मीद रहती है वह बहुत दूर तक हमारा साथ देगा, सबसे पहले साथ छोड़ने वाला वही होता है......

सोचा एक रोज अपने जख्मों का हिसाब, हम तुमसे जरूर लेंगे, लेकिन दिल वह दिन , कभी ना आने की दुआं मांग बैठा!

कैसे काबू करूं अपने जज्बातों को तेरे सामने होने पर, कमबख्त ये बड़ी बेपरवाही से अपनी अपनी हद भूल जाते हैं.....

काश कि तुम्हें दिल में बसाया होता , तो कब का निकाल फेंकते लेकिन तुम तो मेरी आत्मा में बसे हो....

लाइफ में पैसा जरूरी है, लेकिन लाइफ में पैसा ही जरूरी हो यह जरूरी तो नहीं

जिन्दगी के सफर में हम तन्हा हो गए , क्योंकि लोगों को साथ रखने की शर्ते हमे मंजूर न थी।


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